Friday 24 March 2017

शौक

तेरे रूठने का शौक तो आज भी तुझमें सर चढ़ कर बोलता है,
फर्क बस इतना है तू रूठने लगा है तो मैंने भी तुझे मनाने का शौक पाल लिया है...!!!

- प्रशांत

Wednesday 8 March 2017

तमाशा

कुछ ख्वाहिशों के दामन जब यूं संवर जाते हैं,
दो पल ज़िंदगी के फिर यूं बिखर जाते हैं,
लोग हो जाते हैं मज़बूर इस चकाचौंध में,
और तमाशगीर तमाशा देखकर चले जाते हैं...

- प्रशांत

Tuesday 7 March 2017

कड़वी सच्चाई

कभी रुठेगा ये जहां तुमसे तो कभी दास्तां अजब होगा,
मेज़बान सी इस दुनिया में तेरा इन्तेहाँ गज़ब होगा,
लोग तो समझेंगे ख़ुद को साहिल तेरे प्यार का,
लेकिन हकीकत में तुझसे जुड़ने वाला हर इंसां तलब होगा...

- प्रशांत