Thursday 18 January 2018

" समुंदर में मै घर बसाने चला था "

ठंड...

मेरी किस्मत...

उलझन...

" आज मै गुनगुनाने लगा "

खंजर...

बाजी...

जी हुज़ूरी...

चिड़चिड़ाहट...

दरख़्वास्त...

मुस्कुराते रहिये...

" नये साल का आगाज़ "

तुझमें फ़ना मै...

गज़ल...

तेरे ग़म मेरे ग़म...

इश्क़ की दुनिया...

हुस्न...

आशिकी...

मयकश...

अटल जी को नमन...🙏

तन्हाईयाँ...

बेवफ़ा...

मोहब्बत और बगावत...

हंसी ख्वाब...

शिद्दत से इश्क़...

सजदा...

बेबस इश्क़...

परवाना...

जीत-हार...

अश्क...

दरिया...

दूरियां...

गज़ल...

बेख़बर दुनिया...

ज़ालिम दुनिया...

बेरुखी...

कड़े रुख से..

जुगाड़...

गज़ल...

इश्क़-ए-डगर

चाहत और बेवफ़ाई...

दोस्ती...

रिश्तों के पैमाने...

जिल्लत की ज़िंदगी...

रिश्ते...

गज़ल...

ख्वाहिशें...

तीर और लफ्ज़...

गज़ल...

झूठी मुस्कुराहट...