Sunday 12 February 2017

इरादे

इरादे नेक थे मेरे और इरादे नेक हैं,
कुसूर बस इतना सा है कि अब मैंने दिल लगाना छोड़ दिया है...!!

- प्रशांत

Thursday 9 February 2017

फितरत

चेहरे तो वो पढ़ते हैं जिनमे शख्सियत ना पहचानने का इल्म हो,
हम तो वो हैं जो लोगों के दिल में उतर कर उनकी फितरत जान लेते हैं...!!

- प्रशांत

Sunday 5 February 2017

सिलसिला

कैसा अजनबी सा है ये सिलसिला वक़्त का,
सवालों के दायरे में हम आते नहीं हैं,
और जवाब का इंतजार करते-करते सारा जहाँ सो गया..!!

- प्रशांत