Tuesday 4 October 2016

" तुझे हँसना सिखा दूँ " (CP)

कुछ इस तरह मैं तुझे अपना बना दूँ,
ख्वाहिशों को तेरी मै इक लम्हा बना दूँ,
तेरे रूठने पर मै मना सकूँ तुझे,
कुछ ऐसा करूँ की तुझे हँसना सिखा दूँ...
मै हर लम्हा ये कहकर गुज़ार दूँ,
तुझपे मै अपनी हर ख़ुशी वार दूँ,
मेरे शब्दों से कीमती हैं ये अश्क़ तेरे,
एक-एक कर मै इन अश्कों को संवार दूँ...
तेरी ज़िन्दगी का हर पल इक पल में निखार दूँ,
हर ग़म को तेरे मै खुशी से भिगा दूँ,
फिर कभी मिले ना मिले हम ज़िन्दगी में,
कुछ ऐसा करूँ की तेरे दिल में अपनी जगह बना दूँ...
तेरे ग़मों को मै अपने ग़म बना दूँ,
अपनी हर ख़ुशी को मै तुझपे लुटा दूँ,
हो सके तो कभी ना दूर होना मुझसे,
सौगात में मिली हर याद को तेरी मै अपनी यादें बना दूँ...
मेरे लिए तेरी अहमियत बता सकूँ मै तुझे,
कुछ ऐसा करूँ की ज़िन्दगी भर के लिए तुझे हँसना सिखा दूँ...

- प्रशांत

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